जुदा कर गऐ जुदा कर गऐ
इब्तदा का दौर है मैं भी एक इब्तदा कर रहा हूँ, तेरे गुनाहों को मुआफ़ कर तुझे खुद से इब्तदा का दौर है मैं भी एक इब्तदा कर रहा हूँ, तेरे गुनाहों को मुआफ़ ...
ये सादगी ही तो है जो हम दोनों को एक दूजे के करीब लायी ये सादगी ही तो है जो हम दोनों को एक दूजे के करीब लायी
तुझे मेरे दिल आंखों में बसा लूँ तो क्या होगा। तुझे मेरे दिल आंखों में बसा लूँ तो क्या होगा।
ये दो जहान कुर्बान उस पे, वो मेरा जहाँ बन के आया है। ये दो जहान कुर्बान उस पे, वो मेरा जहाँ बन के आया है।